V.S Awasthi

Add To collaction

१५ अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)

प्रतियोगिता हेतु रचना 

१५ अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)

********"******"""""*

याद करो उन वीरों को जिसने जीवन का बलिदान किया।
आजादी के ंहवन कुण्ड में हंस-हंस कर प्राणाहुति दिया।।
कदम कभी ना डिगे थे उनके जीवन न्यौछावर करने में।
सीना तान कर खड़े हो गए अंग्रेजी सेना से लड़ने में ।।
अपने प्राणों की आहुति दे भारत मां को आजाद किया।
अंग्रेजों को भगा देश से सब हथकड़ी बेढ़ियां काट दिया।।
कितने सपूत बलिदान हुए थे तब आजादी आई थी।
वीरांगनाओं ने युद्ध किया भारत मां की लाज बचाई थी।।
माताओं के आंखें सूझी थीं अश्रु सूख गए नयनन में।
कितने पुत्र अनाथ हो गए बिंदिया ना रही अब मस्तक में।।
जिनके लाल बलिदान हो गए पूछो अब उन माताओं से।
मांगों का सिन्दूर पुछ गया पूछो अब उन विधवाओं से।।
आजादी का पर्व नहीं बलिदानियों के बीज का पौधा है।
बलिदानियों के रक्त से अभिसिंचित ये अनुपम पौधा है।।
आओ उन बलिदानियों को हम शत् शत् बार करें वन्दन।
जिन माताओं ने जन्म दिया उनको भी कोटिश: है वन्दन।

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

   6
2 Comments

Gunjan Kamal

09-Nov-2023 04:51 PM

👏👌

Reply

mishra

04-Nov-2023 10:18 AM

शानदार

Reply